इस प्राकृतिक आपदा मे प्रशासन ने पूरी कमर कस कर अपने आप को इसमें जोक दिया है , जिसके परिणाम स्वरूप कम से कम आम जनमानस व संसाधनों का नुकसान हुआ है। अधिकांश अधिकारी अपनी AC गाड़ियों व AC ऑफिसो से बाहर निकल कर मिट्टी के टीलो व बांधों की निगरानी करते हुए दिखाई दिए। मिट्टी व पानी की परवाह ना करते हुए कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते दिखाई दिए। इसी कड़ी में आज प्रातः जब गाँव बंदसुधार में बांध में थोड़ी सी भी लिकेज आई तो कार्यकारी अभियंता अधिकारी अजीत हुड्डा तुरंत मौके पर पहुंच गए व सभी कर्मचारियों को आवश्यक दिशा नर्देश दिए जिसके जिसके चलते उस लिकेज पर बहुत जल्दी काबू पा लिया गया। यह छोटी सी लीकेज कोई बड़ा हादसे का रूप ले सकती थी। किंतु अजीत हुडा की तत्परता में ऐसी स्थिति को उत्पन्न ही नहीं होने दिया।
गौरतलब है कि मध्य रात्रि तक अजीत हुड्डा बांधों की जांच कर रहे थे और हर छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हुए कर्मचारियों निर्देश दे रहे थे। उनकी कार्यकुशलता पूरे शहर वासियों के लिए सुकून देने का काम कर रही है। जब अधिकारी दिन और रात जागकर पूरी लगन के साथ अपने दायित्व का निर्वाह करेंगे तो आम जनता चैन की नींद सो सकती है। यह सही है कि आपदा के समय ही अधिकारियों की कुशल रणनीति का पता चलता है। किंतू इस प्रकार की कार्यशैली से अधिकारी लोगों के विश्वास को जीत लेते हैं और इस आपदा के समय में भी प्रशंसा के पात्र बन जाते हैं। मौके पर JE धीरज बंसल व अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।