NSE का आईपीओ, निवेशकों के लिए जल्द ही बाजार में आ सकता है। अगर SEBI और NSE सेटलमेंट पर सहमत हो जाते हैं और सुप्रीम कोर्ट से भी हरी झंडी मिल जाती है, तो NSE के IPO लाने का रास्ता साफ हो सकता है। SEBI और NSE के बीच करीब डेढ़ महीने पहले सुलह की बातचीत फिर से शुरू हुई है। दोनों पक्ष इस समय "कंसेंट सेटलमेंट" यानी आपसी सहमति से मामला खत्म करने की शर्तों पर चर्चा कर रहे हैं।
NSE IPO: NSE अपने IPO को लेकर काफी चर्चा में रहा है. जल्द ही इस आईपीओ का इंतजार करने वालों को खुशी मिल सकती है। NSE जल्द ही अपने आईपीओ (IPO) की राह पर आगे बढ़ सकता है। कारण है कि NSE और SEBI के बीच को-लोकेशन विवाद को सुलझाने की बातचीत अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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को-लोकेशन विवाद क्या है :- दरअसल, इस केस में आरोप था कि कुछ ब्रोकर्स ने NSE की “को-लोकेशन” सुविधा का गलत फायदा उठाया। उन्होंने अपने सर्वर एक्सचेंज के सर्वर के नज़दीक लगाए ताकि उन्हें ट्रेडिंग डेटा दूसरों से जल्दी मिल सके. इससे उन्हें अनुचित लाभ मिला और बाकी निवेशकों के साथ अन्याय हुआ।
SEBI और NSE में सुलह की प्रक्रिया शुरू :-
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI और NSE के बीच करीब डेढ़ महीने पहले सुलह की बातचीत फिर से शुरू हुई है. दोनों पक्ष इस समय “कंसेंट सेटलमेंट” यानी आपसी सहमति से मामला खत्म करने की शर्तों पर चर्चा कर रहे हैं।
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सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी जरूरी :- यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इसलिए यदि SEBI और NSE आपसी सहमति पर पहुंचते हैं, तो उन्हें कोर्ट की अनुमति से केस वापस लेना होगा. रिपोर्ट के अनुसार, सेटलमेंट की प्रक्रिया में 3 से 4 महीने लग सकते हैं।
सेबी की सेटलमेंट प्रक्रिया कैसे काम करती है :-NSE का आवेदन पहले SEBI की इंटरनल कमेटी देखती है.फिर मामला High Powered Advisory Committee (HPAC) के पास जाता है, जिसमें रिटायर्ड जज और एक्सपर्ट शामिल होते हैं. फिर SEBI के Whole Time Members फाइनल मंजूरी देते हैं। NSE को तय राशि का भुगतान करना होता है, जिसके बाद मामला बंद कर दिया जाता है।
NSE को मिली राहत :- SEBI ने अप्रैल 2019 में NSE पर 625 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था और कहा था कि इस रकम को 2014 से 12 फीसदी ब्याज के साथ लौटाया जाए। लेकिन 2023 में SAT ने कहा कि NSE ने कोई धोखाधड़ी नहीं की और SEBI के फ्रॉड संबंधी नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ। बस कुछ सर्कुलर पूरी तरह फॉलो नहीं हुए थे।
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