इंश्योरेंस यानी बीमा यह प्रत्येक व्यक्ति के आम जीवन में नियमित रूप से इस्तेमाल करने वाला किया जाने वाला शब्द है। हम बीमा क्षेत्र से किसी न किसी रूप में अवश्य जुड़े हुए हैं, और सबसे अधिक जो लोग जुड़े हुए हैं वह बीमा साधारण बीमा से। लाइफ इंश्योरेंस को छोड़कर जो बच जाता है वह सब साधारण बीमा क्षेत्र में आता है। साधारण दिखने वाला यह शब्द बड़ा ही असाधारण है । साधारण सा कहे जाने वाला अपने आप में बहुत सी बातों को समायोजित किए हुए हैं। इसलिए आपको बीमा कराने से पहले भली-भति कुछ सब कुछ जान लेना चाहिए ।
सस्ते की अपेक्षा समझदारी से खरीदें साधारण बीमा क्षेत्र की पॉलिसी :- अक्सर जब भी जब भी हम कोई भी चीज खरीदते हैं तो अक्सर हमारी सोच यही रहती है कि कम से कम मूल्य हमें चुकाना पड़े जैसे कि हम बाजार जाते हैं तो हम वस्तु का मूल्य निर्धारित कर दुकानदार से बोलते हैं कि कम से कम मूल्य की वह वस्तु हमें दे दें किंतु साधन बीमा क्षेत्र में अब ऐसा नहीं रहा है । यदि आप बीमा खरीद रहे हैं और उसका मूल्यांकन केवल पैसों से कर रहे हैं तो आज आप बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं । जिसका खामियाजा आपको आने वाले समय में चुकाना पड़ सकता है , क्योंकि बीमा क्षेत्र के प्रोडक्ट आज बहुत ही विस्तृत हो गए हैं यानी कि आप थोड़ा थोड़ा पैसा चुकाते जाएंगे और कंपनी आपको उसके बदले में ऐडऑन कवर देती जाएगी अब बहुत से ऐडऑन कवर है जो आप कम पैसों के चक्कर में छोड़ देते हैं और जब किसी विकट परिस्थिति में हम होते हैं तो उस समय हमें बस एक ही बात याद रहती है काश उस समय हमने सस्ते के चक्कर में ना पढ़कर अपने वाहन को एडमिन कवर के साथ कवर कराया होता तो आज हमें बहुत कम नुकसान होता या कुछ ऐसी भी स्थिति बन सकती थी कि आपको नुकसान बहुत ही नाम मात्र होता । इसलिए जब भी आप कोई भी पॉलिसी खरीदे तो पूरी जागरूकता के साथ खरीदें ऑनलाइन की अपेक्षा अपने निकटतम अभिकर्ता से परचेज करें ताकि उससे आप उस पॉलिसी के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकें अन्यथा ऑनलाइन के चक्कर में कई बार हम ऐसी दुविधा में पड़ जाते हैं कि हमें समझ में नहीं आता कि हम अब क्या करें और उस समय आपकी मदद करने वाला भी कोई नहीं होता।
ऑनलाइन भ्रम जाल जैसा है , सस्ता नहीं :- कई बार ऑनलाइन सस्ते के चक्कर में कुछ ऐसी कवरेज भी आपकी पॉलिसी में कम कर देते हैं जो आपकी पॉलिसी में अत्यंत आवश्यक होते हैं। यह कई बार वह आपको नो क्लेम बोनस दे देते हैं जिसके लिए आपकी टाइटल मेंट नहीं बनती और कलीम आने की स्थिति में आपका पूरा क्लेम कई बार नो क्लेम भी हो जाता है और ऑनलाइन पॉलिसी जब आप लेते हैं तो आप किसी को कुछ बोल भी नहीं सकते क्योंकि टर्म सेंड कंडीशन आपने खुद ने एक्सेप्ट की होती है इसलिए आप पॉलिसी चाहे ऑनलाइन ले या ऑफलाइन पूरी सतर्कता व छानबीन के साथ ही लें ।
पॉलिसी कराने से पहले ले ऐड-ऑन कवर की पूरी जानकारी :- जी हां अब कंपनियों की पॉलिसी पहले की भांति नहीं रही । अब वाहन पॉलिसी मैं कंपनियां लगभग 10 से 12 रिस्क ऐड-ऑन के रूप में कवर करती है। इसलिए आप पॉलिसी लेते समय यह विचार अवश्य करने कि कौन सा ऐडऑन कवर आपके लिए उपयोगी है,और कौन सा उपयोगी नहीं है। जो ऐडऑन कवर आपके लिए उपयोगी है वह आप अवश्य लें। क्योंकि एडमिन का प्रीमियम बहुत अधिक नहीं रहता जबकि उसकी कवरेज कई बार बहुत बड़ी साबित होती है।
आपका लोकल अभिकर्ता ही आपका है सच्चा हितेषी :- पैसा बचाना या खर्च कम करना अच्छी बात है किंतु यह हर परिस्थिति में लागू नहीं होता जब आप पॉलिसी लें तो सस्ते की अपेक्षा क्वालिटी के ऊपर ध्यान दें जो अभिकर्ता या जिस कंपनी से आप निरंतर करा रहे हैं। यदि आपको कहीं से कम प्रीमियम भी मिल रहा है तो एक बार अपने विश्वसनीय अभिकर्ता से विचार विमर्श अवश्य करें क्योंकि आप से जुड़ा हुआ अभिकर्ता आपके हतों को पूरा ध्यान में रखकर ही आपको पॉलिसी कराने या नहीं करवाने की राय देता है।
नया 9 दिन पुराना सौ दिन :- सस्ते के चक्कर में बार-बार कंपनियां बदलने से भी आप परहेज करें क्योंकि जहां पॉलिसी हमारी लंबे समय से चल रही होती है उसके बाद उसमें कुछ भी अनकवर नहीं रहता और हमें क्लेम के समय भी इस चीज का लाभ प्राप्त होता है और यह यू ही नहीं कहा जाता "नया 9 दिन पुराना सौ दिन"।